सुविचार
- 'क्रोध की गठरी' और 'द्वेष की गांठ'
- अहसान फ़रामोश ये तूने क्या किया।बहाने तो मत बना कृतघ्न।
- आजीविका मुक्तक
- आहार आवास और आवरण की उच्छ्रंखलता
- उपकार
- ऐसा न करो, मित्र………न करो!!
- कथ्य तो सत्य तथ्य है। बस पथ्य होना चाहिए-1
- कथ्य तो सत्य तथ्य है। बस पथ्य होना चाहिए-2
- कथ्य तो सत्य तथ्य है। बस पथ्य होना चाहिए-3
- कैसे कैसे कसाई है जग में
- क्षमा-सूत्र
- चार अक्षय मुक्ता
- चिंतन कण : सद्भाव
- ज्ञानी और चरित्रवान
- तीन की करामत!!
- दरिद्र
- धर्म विकार
- धर्म, पाखण्ड और व्यक्ति
- नम्रता
- नास्तिकता (धर्म- द्वेष) के कारण
- निष्फल है,बेकार है…
- बुद्धु, आलसी, डरपोक, कायर, मूर्ख, कडका, जिद्दी… … …
- भोग-उपभोग
- मकान तो बन गया, चलो उसे घर बनाएं
- वाह रे ! इन्सान तेरी इन्सानियत…………
- विज्ञ बनो, अनभिज्ञ नहीं..
- शृंगार करो ना ...
- श्रेष्ठ खानदान है हमारा………
- संतोष
- सत्य-क्षमा
- सुख-दुःख
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