बहुत सी उम्दा विचार व प्रस्तुती ,ऐसे ही लिखते रहिये एक न एक दिन तो समझना ही परेगा सभी को क्योकि जीवन अगर सच्चाई से जीना है तो कुछ कडुवे मगर फायदेमंद बातों को अपनाना ही होगा ...
श्री शरीफ जी ने दुनिया की सबसे संकीर्ण जाति के मिथकों में से एक उपदेश ढूंढने में सफलता पाई, परंतु नजर पड़ गई .दिये।झूठी है यह कहानी। होंगे।2-सुज्ञ जैसे लोग बताते हैं कि महाभारत का युद्ध परमाणु अस्त्रों से लड़ा गया था। सो वहां तो परमाणु विकिरण ने सारे पेड़ और लाशें ही जला डाली होंगी। फिर वहां मृतक और बेरी का पेड़ होना असंभव है।3-इसके बावजूद यह सच्ची बात है कि भूख बहुत पीड़ा और अपमान देती है।4-इस बात को आप दलितों के जीवन की, बाबा साहब के जीवन की सच्ची घटनाओं के माध्यम से भी तो कह सकते थे, क्यों
प्रार्थना जी, यदि यह व्यंग्य है,तो आपका शुक्रिया। और यदि प्रशसा है,तो मेरी वो औकात नहिं। और हां दोहों की विद्या,मात्राओं आदि का अनुसरण नहिं कर पाया हूं।
बहुत सी उम्दा विचार व प्रस्तुती ,ऐसे ही लिखते रहिये एक न एक दिन तो समझना ही परेगा सभी को क्योकि जीवन अगर सच्चाई से जीना है तो कुछ कडुवे मगर फायदेमंद बातों को अपनाना ही होगा ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!! जयकुमार जी,
जवाब देंहटाएंआपने उपादेयता बता दी…। पुनः आभार
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जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया विचार प्रवाह ............... इसी तरह नीर-क्षीर विवेक से हमें सत्य दर्शन कराते रहिये
जवाब देंहटाएंश्री शरीफ जी ने दुनिया की सबसे संकीर्ण जाति के मिथकों में से एक उपदेश ढूंढने में सफलता पाई, परंतु नजर पड़ गई .दिये।झूठी है यह कहानी। होंगे।2-सुज्ञ जैसे लोग बताते हैं कि महाभारत का युद्ध परमाणु अस्त्रों से लड़ा गया था। सो वहां तो परमाणु विकिरण ने सारे पेड़ और लाशें ही जला डाली होंगी। फिर वहां मृतक और बेरी का पेड़ होना असंभव है।3-इसके बावजूद यह सच्ची बात है कि भूख बहुत पीड़ा और अपमान देती है।4-इस बात को आप दलितों के जीवन की, बाबा साहब के जीवन की सच्ची घटनाओं के माध्यम से भी तो कह सकते थे, क्यों
जवाब देंहटाएंअमीत जी,
जवाब देंहटाएंआपकी सराहना मेरे उत्साह का संबल है।
आभार आपका
ek aur kabir dass ji....
जवाब देंहटाएंप्रार्थना जी,
जवाब देंहटाएंयदि यह व्यंग्य है,तो आपका शुक्रिया।
और यदि प्रशसा है,तो मेरी वो औकात नहिं।
और हां दोहों की विद्या,मात्राओं आदि का अनुसरण नहिं कर पाया हूं।
@ तन की आंखें बंद कर, मन की आंखें खोल ।
जवाब देंहटाएंइतना करतें ही तो परमात्मा प्रत्यक्ष हो जायेगा
अति सुन्दर!
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