तीन निकल वापस नहिं लौटते
तीनों को वश में रखें
- बंदूक से गोली
- मुहं से बोली
- तन से प्राण
- कर्ज़
- फ़र्ज़
- मर्ज़
- माता
- पिता
- गुरू
- कर्ज़
- शत्रु
- बीमारी
- ज्ञान
- कौशल
- अक्ल
तीनों को वश में रखें
- मन
- काम
- क्रोध
- समय
- ग्राहक
- मौत
- कम खाना
- गम खाना
- नम जाना
real knowledge
जवाब देंहटाएं'तीन तिगाड़ा , काम बिगाड़ा' वाला दर्शन तो खतरे में मालूम पड़ता है !
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएं- ....
कृपया एक बार पढ़कर टिपण्णी अवश्य दे
(आकाश से उत्पन्न किया जा सकता है गेहू ?!!)
http://oshotheone.blogspot.com/
सुज्ञ ji..Apko श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंSaath hi is vehad GYAANBHARDHAK post ke liye aapko badhaai.
छोटा थे तब पढते थे ई सब..तब बहुत अच्छा लगता था..आज आप याद दिला दिए..
जवाब देंहटाएंये तो बहुत ही कमाल की और सच्ची जानकारियाँ दी आपने,एक बार शंकर जी के प्रस्ताव पर संसद का निर्णय आ जाए फिर इतनी सुन्दर पोस्ट को ब्लॉग संसद पर भी अवश्य डालें ये मेरा आपसे निवेदन है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन उम्दा और जीवन की सच्चाइयों से भरे विचारों से अवगत हों
जवाब देंहटाएंआभार
महक
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहिन्दी भारत की आत्मा ही नहीं, धड़कन भी है। यह भारत के व्यापक भू-भाग में फैली शिष्ट और साहित्यिक भषा है।
आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया और ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई! धन्यवाद!
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर हार्दिक बधाई -- अपने अभूत अच्छी जानकारी दी जो भारत की आत्मा पुकारती है
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद.
bahut achcha hai.
जवाब देंहटाएंज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई!
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