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  4. क्रोध, मान, माया, लोभ.......
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  7. जिजीविषा और विजिगीषा
  8. जीवन के 50 वर्ष मैने बालक अवस्था में ही खो दिए
  9. मन बिगाडे हार है और मन सुधारे जीत
  10. माया
  11. लोभ
  12. विनम्रता
  13. समता
  14. सहिष्णुता
  15. “क्रोध पर नियंत्रण” प्रोग्राम को चलाईए अपने सिस्टम पर तेज - कुछ ट्रिक और टिप्स
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    इष्ट वियोग और अनिष्ट संयोग के समय ही , आत्मा में दुःस्थिति पैदा होती हैं। उस स्थिति में चित को स्थिर करने का , पुरूषार्थी चिंतन ह...
  • जीवन का लक्ष्य
    जो मनुष्य, 'जीव' (आत्मा) के अस्तित्व को मानता है , उसी के लिए जीवन के लक्ष्य को खोजने की बात पैदा होती है। जो मनुष्य जीव के अस्...
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