1 जनवरी 2013

फ़ास्ट ट्रैक न्यायपीठों के गठन की माँग को लेकर जनहित याचिका का समर्थन


आज नैतिक जीवन-मूल्यों की प्रतिस्थापना बेहद जरूरी हो गई है। सम्पूर्ण समाज में चरित्र, संयम व सदाचारों के प्रति अटल निष्ठा और पूर्ण आस्था आवश्यक है। ऐसे श्रेष्ठ नैतिक जीवन मूल्यों के पोषण के लिए, जिस तरह उत्कृष्ट चरित्र का महिमा वर्धन आवश्यक है उसी तरह निकृष्ट कर्मों के प्रति निरूत्साह के लिए दुष्कृत्यों की घृणा निंदा भी नितांत ही आवश्यक है। पापभीरूता के बिना दुष्कृत्यों के प्रति पूर्ण अरूचि नहीं होती। त्वरित न्याय व्यवस्था, समाज में दुष्कर्मों के प्रति भय सर्जन का प्रमुख अंग है। इस प्रकार कठोर दंड, भय और बदनामी के साथ साथ सामान्य जन को विकारों और दुष्कर्मों से सजग व सावधान भी रखता है।

मेरा लोकतंत्र के सभी स्तम्भों से अनुरोध है कि प्रथम दृष्टि सिद्ध बलात्कार मामलों के त्वरित निष्पादन हेतु, फ़ास्ट ट्रैक न्यायपीठों का शीघ्रातिशीघ्र गठन हो. यह उपाय समाज में व्याप्त इस दूषण को काफी हद तक दूर करने में सहायक सिद्ध होगा. अंततः हिंसा व अपराध मुक्त समाज ही तो हमारा ध्येय है।

श्री गिरिजेश राव द्वारा, ‘फ़ास्ट ट्रैक न्यायपीठों की स्थापना’ को लेकर प्रस्तावित जनहित याचिका का मैं भी पूरजोर समर्थन करता हूँ।

आप भी भारी संख्या मेँ समर्थन कर इस ज्वलंत आवश्यक्ता को बल प्रदान करिए.........

16 टिप्‍पणियां:

  1. मंगलमय नव वर्ष हो, फैले धवल उजास ।
    आस पूर्ण होवें सभी, बढ़े आत्म-विश्वास ।

    बढ़े आत्म-विश्वास, रास सन तेरह आये ।
    शुभ शुभ हो हर घड़ी, जिन्दगी नित मुस्काये ।

    रविकर की कामना, चतुर्दिक प्रेम हर्ष हो ।
    सुख-शान्ति सौहार्द, मंगलमय नव वर्ष हो ।।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी विचारधारा से तो पूर्ण सहमति है ही, मित्र गिरिजेश राव के प्रयास को भी पूर्ण सहयोग है। शुभकामनायें और धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  3. समर्थन है ...
    शुभकामनायें आपको !

    जवाब देंहटाएं
  4. आइडिया से सहमत। आज की ज़रुरत है।

    जवाब देंहटाएं
  5. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. इसका समर्थन सभी करेंगे .नवा वर्ष की सुभकामनाएँ .
    मेरी नई पोस्ट : "काश !हम सभ्य न होते "

    जवाब देंहटाएं
  7. अपराधी गर आदतन, कुकृत्य करता जाय ।
    सोच बदलने की भला, उससे को कह पाय ।

    उससे को कह पाय, दंड ही एक रास्ता ।
    करिए ठोस उपाय, सुता का तुझे वास्ता ।

    फांसी कारावास, बचाए दुनिया आधी ।
    फास्ट ट्रैक पर न्याय, बचे न अब अपराधी ।।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सार्थक आलेख..शीघ्र न्याय समय की पुकार है...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  9. कुछ न कुछ तो करना होगा
    चुप चुप कब तक रहना होगा

    ,,, परिवर्तन की बयार चलनी चाहिए...

    जवाब देंहटाएं
  10. द्रुत निपटान भी हो मामलों का . खाली पद भरे जाएं .सहमत आपकी पेशकश /पहल से .

    जवाब देंहटाएं
  11. एक अल्प वयस्क बर्बर वहशियाना अपराध करता है क़ानून कहता है वह अभी 18 साल का नहीं है .दो दिन

    बाद होगा

    अठारह साल का .जैसे दो दिन बाद वह राष्ट्र को चार चाँद लगा देगा .कैसा क़ानून है यह ?

    भाई साहब वोट के अठारह साल और अपराध के अठारह साल बराबर नहीं होते .अठारह साल में आठ दिन

    कम रह जाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं हो जाती है .

    जवाब देंहटाएं
  12. यह संकट नैतिक है और हमला औरत की अस्मिता पर है यदि इसे हलके में लिया गया तो इसकी अंतिम

    परिणति

    बलात्कार में ही होगी .अस्मिता पे हमला हमला है फिकरे बाज़ी भी पीछे आके डराना डराते रहना लगातार

    तो बहुत गंभीर बात है .एक नैतिक क़ानून ,सामाजिक मान्यता का अपमान है यह फिकरे बाज़ी ये

    लम्पटप व्यवहार .



    .उसके लिए एक मानक सज़ा सबके लिए होना ज़रूरी है तुरता सजा .

    जवाब देंहटाएं
  13. ram ram bhai
    मुखपृष्ठ

    शनिवार, 5 जनवरी 2013
    हाँ देह आगे होती है सम्बन्ध पीछे

    http://veerubhai1947.blogspot.in/

    जवाब देंहटाएं
  14. आपकी बात से सहमत ... हमारा भी पूर्ण समर्थन है ...

    जवाब देंहटाएं
  15. इस वीडियो को देखना हौसले की बात है जो अन्दर से शाकाहारी हैं वह इसे न देख पायेंगे .कइयों के लिए फेशन स्टेटमेंट है सामिष भोजन . .

    शुक्रिया आपकी विज्ञ टिप्पणियों के लिए .

    जवाब देंहटाएं

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...