tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post5466804941259756675..comments2023-10-21T14:43:56.493+05:30Comments on सुज्ञ: छलती है मैत्रीसुज्ञhttp://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-34807681154502486672010-10-13T17:24:03.126+05:302010-10-13T17:24:03.126+05:30सुज्ञ @ आपने कहा हम अपने रिश्तों का चुनाव नहिं क...सुज्ञ @ आपने कहा हम अपने रिश्तों का चुनाव नहिं कर सकते पर दोस्ती चुन सकते हैं।<br />मित्र मेरा भी यही माना है की जो तुम्हारी तरफ दोस्ती का हाथ बढाए, उससे इनकार करना एक बड़ा नुकसान है. और सुज्ञ जी इस दुनिया मैं क्या रखा है, कुछ दिन हैं, प्यार , ईमानदारी,वफ़ा और शांति सी जी ले जो इंसान वही सफल है. आपके प्रेम सन्देश और दोस्ती का मैं स्वागत करता हूँ, आशा हैS.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-25231663810651835392010-10-13T13:31:21.487+05:302010-10-13T13:31:21.487+05:30@सुज्ञ जी स्नेह के लिए आभार यह लेख़ मेरे उन दोस्तो...@सुज्ञ जी स्नेह के लिए आभार <a href="http://aqyouth.blogspot.com/2010/09/blog-post.html" rel="nofollow">यह लेख़ मेरे उन दोस्तों के नाम जिन्होंने मेरा साथ हर मुश्किल मैं, हर बुरे वक़्त मैं दिया</a>S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-58223379432098193322010-10-07T22:31:49.074+05:302010-10-07T22:31:49.074+05:30Love wants no wall - जहां मिट गई है मंदिर-मस्जिद क...Love wants no wall - जहां मिट गई है मंदिर-मस्जिद के बीच की दीवार<a href="http://premsandes.blogspot.com/2010/10/love-wants-no-wall-ejaz.html" rel="nofollow"><b></b>मेरे ब्लॉग पर पढ़ें</a>Ejaz Ul Haqhttps://www.blogger.com/profile/09008347253388849680noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-67053458902358033232010-10-07T11:49:07.712+05:302010-10-07T11:49:07.712+05:30आदरयोग्य सुज्ञ,
मैं तो अपनी लापरवाही के कारण आपको ...आदरयोग्य सुज्ञ,<br />मैं तो अपनी लापरवाही के कारण आपको भुला ही बैठा था, एक लाइन का आपका कमेन्ट कहीं दिल पर छू गया , स्नेह के लिए आभार !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-74443772803631611622010-10-04T22:58:30.890+05:302010-10-04T22:58:30.890+05:30एक एक शब्द सच का बखान है.
सुंदर रचना.एक एक शब्द सच का बखान है.<br />सुंदर रचना.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-85529012456927079232010-10-02T15:21:28.768+05:302010-10-02T15:21:28.768+05:30अच्छी रचना... मित्रता को समझने में सहायक ..अच्छी रचना... मित्रता को समझने में सहायक ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-65152452901231986622010-09-28T22:24:50.161+05:302010-09-28T22:24:50.161+05:30मैंने तो अपने मित्रों को हमेशा प्यार किया, कभी कोई...मैंने तो अपने मित्रों को हमेशा प्यार किया, कभी कोई अपेक्षा ही नहीं रखी। मुझे अपने एक तरफ़ा प्यार पर गर्व है। और अपने मित्रों के साथ मैत्री पर।<br />Thanks Zeal for beautiful message.S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-63343555330902247322010-09-28T14:42:17.220+05:302010-09-28T14:42:17.220+05:30जहाँ मित्रता है वहाँ इन चीज़ों का क्या काम .... सच...जहाँ मित्रता है वहाँ इन चीज़ों का क्या काम .... सच्ची मित्रता स्वार्थ पर नही चल सकती ....<br />अच्छी रचना है बहुत आपकी ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-51898201116146070072010-09-23T18:55:23.516+05:302010-09-23T18:55:23.516+05:30सत्य वचनसत्य वचनABHISHEK MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/08988588441157737049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-18113918722337229432010-09-21T18:00:47.236+05:302010-09-21T18:00:47.236+05:30कितनी अच्छी और सच्ची बात कही है आपने...बड़ी मुश्कि...कितनी अच्छी और सच्ची बात कही है आपने...बड़ी मुश्किल से मगर दोस्त मिलते हैं...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-24541995398634081942010-09-21T17:13:24.265+05:302010-09-21T17:13:24.265+05:30मैत्री निः स्वार्थ
कणुआ सच .मैत्री निः स्वार्थ <br />कणुआ सच .सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-28963702042866698042010-09-21T16:04:45.721+05:302010-09-21T16:04:45.721+05:30चैतन्य जी,
दिव्या जी,
गौरव जी,
वर्मा जी,
महक जी,
स...चैतन्य जी,<br />दिव्या जी,<br />गौरव जी,<br />वर्मा जी,<br />महक जी,<br />सतीश जी,<br />सदा जी,<br />संजय जी,<br />अमित जी,<br /><br />उत्साहवर्धन के लिये आभार॥सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-31979656314186865442010-09-21T13:09:39.443+05:302010-09-21T13:09:39.443+05:30[सुधार ]
*बहुत अच्छे से समझाया ....[सुधार ]<br /><br />*बहुत अच्छे से समझाया ....एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-43460569411002380652010-09-21T13:08:04.440+05:302010-09-21T13:08:04.440+05:30.... बहुत अच्छे समझाया आपने और अमित जी की टिपण्णी ....... बहुत अच्छे समझाया आपने और अमित जी की टिपण्णी ने भीएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-24050936026049460702010-09-21T13:06:32.334+05:302010-09-21T13:06:32.334+05:30@सुज्ञ जी
हाँ .. अब मुझे कंसेप्ट [जो आप कहना चाह...@सुज्ञ जी<br /> <br />हाँ .. अब मुझे कंसेप्ट [जो आप कहना चाहते हैं ] क्लीयर हुआ <br /><br />बस एक ही लाइन पर मामला अटका था <br /><br />कम शब्दों में लिखी गयी गहन अर्थ वाली इस पोस्ट के लिए आभार <br />जो भी सीखा है याद रखूंगा :)एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-70462422674804217062010-09-21T12:41:47.279+05:302010-09-21T12:41:47.279+05:30@ मित्रता आयेगी काम, अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री।
...@ मित्रता आयेगी काम, अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री।<br />जब भी पडते है काम, स्वार्थी बन लेती है मैत्री।<br /><br />जे न मित्र दुख होहिं दुखारी<br />तिन्हहिं विलोकत पातक भारी।<br />(रामचरित मानस ४/८)Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-81394729093645964142010-09-21T11:47:59.941+05:302010-09-21T11:47:59.941+05:30अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री!अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-53003220740258876092010-09-21T10:27:48.254+05:302010-09-21T10:27:48.254+05:30मित्रता आयेगी काम, अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री।
जब...मित्रता आयेगी काम, अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री।<br />जब भी पडते है काम, स्वार्थी बन लेती है मैत्री।<br /><br />सुन्दर पंक्तियां ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-60981302778068198052010-09-21T09:44:52.986+05:302010-09-21T09:44:52.986+05:30लगा जैसे कुछ अधूरा रह गया यहाँ ....शुभकामनायेंलगा जैसे कुछ अधूरा रह गया यहाँ ....शुभकामनायेंSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-91398835866483506042010-09-20T22:49:18.265+05:302010-09-20T22:49:18.265+05:30दोस्ती किसी दिन काम आयेगी, मात्र इसी अपेक्षा पर आज...<b>दोस्ती किसी दिन काम आयेगी, मात्र इसी अपेक्षा पर आज मित्रता चलती है। पर खरे वक्त में स्वार्थ आडे आ जाता है। </b><br /><br />@सुज्ञ जी <br />आपकी उपरोक्त पंक्तियों से पूर्णतः सहमत हूँMahakhttps://www.blogger.com/profile/11844015265293418272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-46231850591539411852010-09-20T21:34:38.027+05:302010-09-20T21:34:38.027+05:30मित्रता आयेगी काम, अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री।
यह...मित्रता आयेगी काम, अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री।<br />यही सच हैM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-7160245114345792162010-09-20T20:23:11.787+05:302010-09-20T20:23:11.787+05:30मैत्री और मित्रता (फ्रेंडशिप)समानार्थक है।
@मित्रत...मैत्री और मित्रता (फ्रेंडशिप)समानार्थक है।<br />@मित्रता आयेगी काम, अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री!<br /><br />अर्थात, दोस्ती किसी दिन काम आयेगी, मात्र इसी अपेक्षा पर आज मित्रता चलती है। पर खरे वक्त में स्वार्थ आडे आ जाता है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-36684325071799450172010-09-20T20:16:42.905+05:302010-09-20T20:16:42.905+05:30@मित्रता आयेगी काम, अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री!
...@मित्रता आयेगी काम, अपेक्षाओं पे चलती है मैत्री!<br /><br />मैं इस बात को पूरी तरह नहीं समझ पाया हूँ ....आप [या कोई भी पाठक] जब भी समय मिले इसे कुछ खुल कर बताइये :)<br /><br />यहाँ मैत्री मतलब फ्रेंडलीनेस और मित्रता मतलब फ्रेंडशिप ही है ना ?? :)एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-91001843757092894042010-09-20T20:07:45.334+05:302010-09-20T20:07:45.334+05:30.
मैंने तो अपने मित्रों को हमेशा प्यार किया, कभी ....<br /><br />मैंने तो अपने मित्रों को हमेशा प्यार किया, कभी कोई अपेक्षा ही नहीं रखी। मुझे अपने एक तरफ़ा प्यार पर गर्व है। और अपने मित्रों के साथ मैत्री पर। ...आभार। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-47672415900549091292010-09-20T18:39:17.690+05:302010-09-20T18:39:17.690+05:30आज के युग का एक कड़वा सच!!आज के युग का एक कड़वा सच!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.com