tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post1619494672296801701..comments2023-10-21T14:43:56.493+05:30Comments on सुज्ञ: बंधनसुज्ञhttp://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-17216289574397741502010-11-18T18:40:18.896+05:302010-11-18T18:40:18.896+05:30कुमार राधारमण
अनुराग जी
वाणी गीत जी
ज्ञानचंद मर्म...कुमार राधारमण <br />अनुराग जी<br />वाणी गीत जी<br />ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी<br />दिगम्बर नासवा जी<br />और,<br />निर्मला कपिला जी,<br /><br />आभार आपका सराहना के लिये, आपकी प्रेरणा ही मेरी सही सोच को संबल देती है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-45382358425930139702010-11-18T18:25:20.820+05:302010-11-18T18:25:20.820+05:30गहन चिन्तन को सरल बोधकथा के माध्यम से बहुत सुन्दर ...गहन चिन्तन को सरल बोधकथा के माध्यम से बहुत सुन्दर ढंग से समझाया है। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-10854150908771222972010-11-18T14:16:33.699+05:302010-11-18T14:16:33.699+05:30माया का चरित्र खोल कर रख दिया ... सत्य भी तो एक मा...माया का चरित्र खोल कर रख दिया ... सत्य भी तो एक माया ही है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-62728468901716440792010-11-18T14:05:47.452+05:302010-11-18T14:05:47.452+05:30सुज्ञ जी,
व्यवहार और चिंतन का भेद ही तो जीवन-पथ को...सुज्ञ जी,<br />व्यवहार और चिंतन का भेद ही तो जीवन-पथ को आलोकित करता है !<br />अच्छी पोस्ट है !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-5325074929758147242010-11-18T09:20:33.311+05:302010-11-18T09:20:33.311+05:30बहुत गहरा चिंतन !बहुत गहरा चिंतन !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-50852800543688800702010-11-18T06:02:00.537+05:302010-11-18T06:02:00.537+05:30प्रेरणास्पद प्रस्तुति, आभार!प्रेरणास्पद प्रस्तुति, आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-72658462355629561442010-11-18T01:30:05.765+05:302010-11-18T01:30:05.765+05:30..
सुज्ञ जी
मैंने जब इस 'बंधन' कथा को पढ.....<br /><br />सुज्ञ जी <br />मैंने जब इस 'बंधन' कथा को पढ़ा तब मन में आया कमेन्ट भाग गया. मैं उसे फिर पकड़कर लाया. लेकिन वो फिर भाग गया. <br />अब आप बताइये — मैं कमेन्ट से बंधा हूँ या फिर कमेन्ट मुझसे बँधा है?<br /><br />कमेन्ट एक गाय है और मैं उस कमेन्ट-गाय को पकड़ने वाला दूधिया. <br />कमेन्ट में जो अर्थ रूपी दूध होता है उसे हम और आप पीते हैं. <br />दूधिया-धर्म कभी आप निभाते हो तो कभी मैं, तो कभी अन्य कमेन्ट-गाय पकड़ने वाले पाठक. <br /><br />__________<br />आपने बहुत प्रेरणास्पद कथा सुनायी. <br /><br />..प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-71679973448232274622010-11-17T21:02:36.834+05:302010-11-17T21:02:36.834+05:30ये छोटे-छोटे कथानक जीवन-सूत्र समेटे रहते हैं।ये छोटे-छोटे कथानक जीवन-सूत्र समेटे रहते हैं।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-52036282488870963612010-11-17T18:56:34.857+05:302010-11-17T18:56:34.857+05:30राजभाषा हिंदी संचालक महोदय,
हिन्दी के प्रचार-प्रस...राजभाषा हिंदी संचालक महोदय,<br /><br />हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये आपका प्रोत्साहन भी सराहनीय है!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-42367144142438192832010-11-17T18:53:44.719+05:302010-11-17T18:53:44.719+05:30अर्चना जी,
अभिषेक जी,
राम त्यागी जी,
पूरविया जी,
म...अर्चना जी,<br />अभिषेक जी,<br />राम त्यागी जी,<br />पूरविया जी,<br />मनोज जी,<br />वन्दना जी,<br />अंशुमाला जी,<br /><br />आभार आपका, आपने सही चिंतन किया।<br /><br />जब गाय से हमारे बंधे होने का अहसास होता है, चिंतन वहीं से शुरु होता है। बंधन में रहते हुए भी बंधन से निर्लेप भाव स्थापित होता है।<br /><br />आप सभी का आभार।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-15729897419365313332010-11-17T16:32:38.315+05:302010-11-17T16:32:38.315+05:30सुज्ञ जी
बिल्कूल सही बात कहा है आप ने की ...सुज्ञ जी <br /><br /> बिल्कूल सही बात कहा है आप ने की असल में तो बंधन में हम है लेकिन ये बंधन हमी ने बाधे है और समस्या ये है कि हम में से ज्यादातर इससे मुक्त होना ही नहीं चाहते है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-5349917452089192022010-11-17T16:21:40.874+05:302010-11-17T16:21:40.874+05:30बहुत ही गहरी बात समझाई है……………उम्दा प्रस्तुति।बहुत ही गहरी बात समझाई है……………उम्दा प्रस्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-14322865366186740652010-11-17T16:07:21.788+05:302010-11-17T16:07:21.788+05:30बहुत गहन विचार प्रस्तुत किया है आपने। आभार। बहुत अ...बहुत गहन विचार प्रस्तुत किया है आपने। आभार। <b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!</b><br /><a href="http://testmanojiofs.blogspot.com/2010/11/blog-post_3699.html" rel="nofollow">विचार-श्री गुरुवे नमः</a>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-86304211807845192052010-11-17T10:37:00.032+05:302010-11-17T10:37:00.032+05:30bhie hum aur aap blog se jude hai ise tarah .bhie hum aur aap blog se jude hai ise tarah .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-38048590537185670642010-11-17T10:06:47.264+05:302010-11-17T10:06:47.264+05:30तर्कों की कोई सीमा है क्या ?तर्कों की कोई सीमा है क्या ?राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-37827804539369118682010-11-17T09:44:38.289+05:302010-11-17T09:44:38.289+05:30सत्य है , फर्क है हमारे नजरिये मेंसत्य है , फर्क है हमारे नजरिये मेंABHISHEK MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/08988588441157737049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-40282125688696591322010-11-17T06:41:29.213+05:302010-11-17T06:41:29.213+05:30"मानव जब गहराई से चिंतन करता है तो सत्य व भ्र..."मानव जब गहराई से चिंतन करता है तो सत्य व भ्रम में अन्तर स्पष्ठ होने लगता है।" <br />बिलकुल सही-- धीरे-धीरे,चिंतन करते हुए सोच मं परिवर्तन संभव है...<br />जब तक आदमी है गाय से बंधा है जब दार्शनिक हो जाता है तो गाय बंध जाती है उससे...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-84783482508334737512010-11-17T03:10:57.834+05:302010-11-17T03:10:57.834+05:30@सलिल जी,
दुर्लभ होता है यथार्थ पा लेना, भ्रममोही...@सलिल जी,<br /><br />दुर्लभ होता है यथार्थ पा लेना, भ्रममोही के लिये तो दुष्कर!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-81373886854729850012010-11-17T03:05:48.064+05:302010-11-17T03:05:48.064+05:30@दिव्या जी,
अन्तर में चैतन्य बिराजमान है,अवश्य चि...@दिव्या जी,<br /><br />अन्तर में चैतन्य बिराजमान है,अवश्य चिंतन होगा।<br /><br />@अनामिका जी,<br /><br />गुरु नहिं, ज्ञानाभिलाषी हूं, (कहीं प्रवचनकार बाबा न मान लेना):-))सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-67034629142261373122010-11-17T02:58:15.773+05:302010-11-17T02:58:15.773+05:30@नीरज जी,
सच कहा, हमें गुमान है कि सबको हमने बांध ...@नीरज जी,<br />सच कहा, हमें गुमान है कि सबको हमने बांध रखा है,पर हम ही मोह माया वश सबसे बंधे हुए है।<br /><br />@मासूम साहब,<br />सच है, चिंतन करें तब ही।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-52503762873112687982010-11-17T00:01:20.216+05:302010-11-17T00:01:20.216+05:30हंसराज जी! जीवन का यथार्थ बताता एक दर्शन..किंतु कि...हंसराज जी! जीवन का यथार्थ बताता एक दर्शन..किंतु कितने भटके इंसान इसे समझ नहीं पाते औरभ्रम में जीते हैं..चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-11705057704331973972010-11-16T23:24:53.510+05:302010-11-16T23:24:53.510+05:30सच कहा गुरु देव..मान गए. आगे भी उम्मीद करते हैं इस...सच कहा गुरु देव..मान गए. आगे भी उम्मीद करते हैं इसी तरह का ज्ञान प्राप्त होता रहेगा.<br /><br />आभार.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-38797189398181466612010-11-16T21:09:17.696+05:302010-11-16T21:09:17.696+05:30गहराई से चिंतन करने को प्रेरित करती हुई पोस्ट !गहराई से चिंतन करने को प्रेरित करती हुई पोस्ट !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-6594238884477198072010-11-16T17:15:18.950+05:302010-11-16T17:15:18.950+05:30मानव जब गहराई से चिंतन करता है तो सत्य व भ्रम में ...मानव जब गहराई से चिंतन करता है तो सत्य व भ्रम में अन्तर स्पष्ठ होने लगता है।सच है लेकिन चिंतन करे तब तो.S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-4552875557101608002010-11-16T17:12:29.503+05:302010-11-16T17:12:29.503+05:30वाह...कितनी सच्ची बात कितने सरल अंदाज़ में समझाई ह...वाह...कितनी सच्ची बात कितने सरल अंदाज़ में समझाई है दार्शनिक ने...हम सभी गाय से बंधे हैं अब ये गाय घर हो पैसा हो जिंदगी हो...नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com