tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post370266039420481516..comments2023-10-21T14:43:56.493+05:30Comments on सुज्ञ: अस्थिर आस्था के लूटेरेसुज्ञhttp://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comBlogger59125tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-50757866972191756942016-11-17T08:41:06.508+05:302016-11-17T08:41:06.508+05:30धन्यवाद 'सुज्ञ' जी !धन्यवाद 'सुज्ञ' जी !sukhmangalhttps://www.blogger.com/profile/03076745453862353480noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-67048088632715978432015-03-05T13:18:48.315+05:302015-03-05T13:18:48.315+05:30आभार, कैलाश जीआभार, कैलाश जीसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-57286078326088610472015-03-05T13:18:25.976+05:302015-03-05T13:18:25.976+05:30बहुत बहुत आभार, सुखमंगल सिंह जी!!बहुत बहुत आभार, सुखमंगल सिंह जी!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-14419035777209056722015-02-16T22:51:51.341+05:302015-02-16T22:51:51.341+05:30बहुत प्रेरक और शिक्षाप्रद प्रस्तुति...बहुत प्रेरक और शिक्षाप्रद प्रस्तुति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-73194093441372456732015-02-16T19:05:46.831+05:302015-02-16T19:05:46.831+05:30दृढ विश्वाशी हों! अस्थिर आस्था और ढुलमुल चाल, विवे...दृढ विश्वाशी हों! अस्थिर आस्था और ढुलमुल चाल, विवेक का अवशाद् मानव मार्ग भटकाता है | sukhmangalhttps://www.blogger.com/profile/03076745453862353480noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-6216543147925434112012-07-27T21:02:24.472+05:302012-07-27T21:02:24.472+05:30यही हो रहा है। जितनी जल्दी आँख खुले बेहतर हो!यही हो रहा है। जितनी जल्दी आँख खुले बेहतर हो!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-22851919943524437532012-07-27T16:12:57.176+05:302012-07-27T16:12:57.176+05:30आपकी सुस्थापित श्रद्धा को चुराने के लिए, सेवा, पर...आपकी सुस्थापित श्रद्धा को चुराने के लिए, सेवा, परोपकार और सरलता का स्वांग रचकर ठग, आपकी आस्था को लूटेने के लिए तैयार बैठे है। यथार्थ दर्शन चिंतन के अभाव में हमारा ज्ञान भी अंध है। अज्ञान का अंधापा हो तो अस्थिर आस्था जल्दी विचलित हो जाती है। अज्ञानता के कारण ही अपने समृद्ध दर्शन की कीमत हम नहीं जान पाते। डगमग़ श्रद्धा को सरल-जीवन, सरल धर्म के पालन का प्रलोभन देकर आसानी से ठगा जा सकता है। विचलित विचारी को गलत मार्ग पर डालना बड़ा आसान है। आस्था टूट जाने के भय में रहने वाले ढुल-मुल अंधश्रद्धालु को सरलता से आपस में लडाकर खत्म किया जा सकता है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-34093369676394441392011-04-04T20:03:13.286+05:302011-04-04T20:03:13.286+05:30कहानी के माध्यम से महत्त्व पूर्ण बात बताई.
इसीलिए ...कहानी के माध्यम से महत्त्व पूर्ण बात बताई.<br />इसीलिए ये पसंद आई.<br />आपको नवसंवत्सर की ढेरों शुभकामनाएँ....वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05613141957184614737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-52429906821813486542011-04-04T13:03:38.245+05:302011-04-04T13:03:38.245+05:30नए संवत २०६८ विक्रमी की हार्दिक बधाई।
नया साल आपके...नए संवत २०६८ विक्रमी की हार्दिक बधाई।<br />नया साल आपके और आपके कुटुंब को आनंद प्रदायी हो।Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-27563576335706261172011-04-04T00:40:57.703+05:302011-04-04T00:40:57.703+05:30गहन चिंतन के लिए प्रेरित करती बढ़िया बोधकथागहन चिंतन के लिए प्रेरित करती बढ़िया बोधकथाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-11350863438597360642011-03-29T21:43:11.378+05:302011-03-29T21:43:11.378+05:30अच्छा लगा पढ़कर।
"नकली हितैषी असली से भी अधि...अच्छा लगा पढ़कर। <br />"नकली हितैषी असली से भी अधिक सगा लगता है." ...बहुत सुंदर।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-90829120244086727702011-03-28T17:18:35.107+05:302011-03-28T17:18:35.107+05:30nicenicehamarivanihttps://www.blogger.com/profile/13556207298223545364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-55759124786499618752011-03-27T15:21:39.008+05:302011-03-27T15:21:39.008+05:30asar chodne walee prerak katha..... sunder prastut...asar chodne walee prerak katha..... sunder prastuti ke liye aabhar .Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-3754862271941190282011-03-26T22:29:56.448+05:302011-03-26T22:29:56.448+05:30आंख के अंधों को तो लूट लेना ही बेहतर है...आंख के अंधों को तो लूट लेना ही बेहतर है...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-17333407469138354172011-03-25T17:21:42.418+05:302011-03-25T17:21:42.418+05:30बहुत ही प्रेरक व सार्थक प्रस्तुति ।बहुत ही प्रेरक व सार्थक प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-51747175231122135692011-03-25T16:51:44.912+05:302011-03-25T16:51:44.912+05:30सुज्ञ जी,
बोध कथा शानदार है, शुभकामनाएँ।सुज्ञ जी,<br /><br />बोध कथा शानदार है, शुभकामनाएँ।ललित "अटल"https://www.blogger.com/profile/05909260328579234920noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-17727016896025221262011-03-25T16:47:53.440+05:302011-03-25T16:47:53.440+05:30बहुत अच्छी बोधकथा । ऐसे ठग आज की दुनिया में सफल भ...बहुत अच्छी बोधकथा । ऐसे ठग आज की दुनिया में सफल भी हो जाते है धन को पत्थर में बदलने के कृत्य में, बहुत दुख होता है ।रजनीश तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/10545458923376138675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-66691104806414595252011-03-25T04:33:43.385+05:302011-03-25T04:33:43.385+05:30सुन्दर बोधकथा - इसे कहते हैं, अन्धोंकी आँख में धूल...सुन्दर बोधकथा - इसे कहते हैं, अन्धोंकी आँख में धूल झोंकना। संत कबीर के शब्द याद आ गये: <br />माया तो ठगिनी बनी, ठगत फिरे सब देश,<br />जो ठग या ठगनी ठगो, ता ठग को आदेशSmart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-67632421206328707402011-03-24T18:16:38.456+05:302011-03-24T18:16:38.456+05:30जो बइमान होते हैं , उनकी बुद्धि पर भ्रम का आवरण पड...जो बइमान होते हैं , उनकी बुद्धि पर भ्रम का आवरण पड़ा होता है । अच्छे बुरे की पहचान खो देते हैं , चाटुकारों के वश में आकर अपना सब कुछ आसानी से गवां देते हैं । इसके विपरीत सत्य के मार्ग पर चलने वाले को कोई लोभ नहीं होता और उसे कोई कोई मूर्ख भी नहीं बना सकता , क्यूंकि उसकी विभेदक-बुद्धि सदैव उसका मार्ग दर्शन करती है।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-81872256163096187342011-03-23T21:32:37.983+05:302011-03-23T21:32:37.983+05:30सबक सिखाती बेहतरीन पोस्ट. वाह सुज्ञ जी.सबक सिखाती बेहतरीन पोस्ट. वाह सुज्ञ जी.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-37107878085174017142011-03-23T21:00:39.180+05:302011-03-23T21:00:39.180+05:30सुज्ञ जी,
हमारे बैंकिंग क्षेत्र में भी कहा जाता है...सुज्ञ जी,<br />हमारे बैंकिंग क्षेत्र में भी कहा जाता है की जब किसी के हस्ताक्षर हू-ब-हू मिलते हों तो अपनी आँखें खोलकर एक बार फिर से जांच लो.. असत्य सत्य से भी सुन्दर और लुभावना होता है!!<br />अच्छी और प्रेरक कथा!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-59182607988779859722011-03-23T20:29:23.371+05:302011-03-23T20:29:23.371+05:30गौरव जी,
आपके पास तो अनुभव (ओरजिनल वाला ) + शब्द ...गौरव जी,<br /><br />आपके पास तो अनुभव (ओरजिनल वाला ) + शब्द कोष (बढ़िया वाला ) ....<br /><br />मैं तो इन दोनों की अपार कमी महसुस कर रहा हूँ और झेल भी रहा हूं।<br />न तो तलस्पर्शी अनुभव है न शब्द भडार में उपयुक्त सामर्थ्यवान शब्द।<br /><br />गैर जरूरी स्पष्ठीकरण है। जिसे आपके कमेंट के महत्व का पता होगा वह तो स्वतः योग्य समझेगा। और जिसे आवश्यक्ता नहीं वो चाहे रखे या मिटाये, क्या फर्क पडता है।<br /><br />जिन्हें विचारों के आदान-प्रदान का महत्व पता है,वे ही ब्लॉगिंग के महत्व को जान सकते है। ब्लॉगिंग में टिप्पणी के बॉक्स का यही अर्थ है "विरोधी विचारधारा का स्वागत"सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-63472876914338509052011-03-23T20:19:14.544+05:302011-03-23T20:19:14.544+05:30~~~~अभी तो ये नयी कमेन्ट पालिसी~~~~~
एक गैर जरूरी ...~~~~अभी तो ये नयी कमेन्ट पालिसी~~~~~<br />एक गैर जरूरी स्पष्टीकरण :<br /><br />मोडरेटर महोदय / लेखक महोदय ,<br />वैसे तो मैंने जानबूझ कर अपने कमेंट्स में लिंक्स कुछ कम ही दिए हैं<br />अगर आप को मेरे कमेन्ट विषय से बाहर लगे तो आप हटा सकते हैं , मैं खुद ही समझ जाऊँगा :(<br /><br />[मुझे इस ब्लॉग की कमेन्ट पालिसी पता नहीं है इसलिए कह रहा हूँ]एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-27990080671617807082011-03-23T20:16:50.919+05:302011-03-23T20:16:50.919+05:30दिमाग की लाईट तो जले पहले, तब तो क्लियर उजाला हो ...दिमाग की लाईट तो जले पहले, तब तो क्लियर उजाला हो :)) <br /><br />आपके पास तो अनुभव (ओरजिनल वाला ) + शब्द कोष (बढ़िया वाला ) ....मैं तो दोनों से पैदल हूँ :))<br /><br />कभी इसे साइकोलोजी के साथ मिक्स करके पोस्ट बनाऊंगा ..देखें कब होता है पूरा काम ?? :)<br /><br />लाइफ में इम्प्लीमेंट करके ही तो बनते हैं "हर सन्डे लाइफ के नए फंडे" :)एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-23659896047146602832011-03-23T20:06:25.615+05:302011-03-23T20:06:25.615+05:30"दिमाग में एक नया कांसेप्ट/सोच/फंडा चल रहा है..."दिमाग में एक नया कांसेप्ट/सोच/फंडा चल रहा है जो एक दम ग्लोबल टाईप का है" <br /><br />गौरव जी,<br /><br />प्रकाश में लाइएसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.com