tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post3455664372709254527..comments2023-10-21T14:43:56.493+05:30Comments on सुज्ञ: दुर्गम पथ पर तुम न चलोगे कौन चलेगा?सुज्ञhttp://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comBlogger38125tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-75426678406222168092012-11-29T11:58:32.896+05:302012-11-29T11:58:32.896+05:30बहुत ही बेहतरीन रचना..
सुन्दर भाव लिए...
:-)बहुत ही बेहतरीन रचना..<br />सुन्दर भाव लिए...<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-83212960508568319182012-11-28T17:16:25.867+05:302012-11-28T17:16:25.867+05:30यशवंत जी, इस प्रस्तुति को लिंक करने के लिए आपका आभ...यशवंत जी, इस प्रस्तुति को लिंक करने के लिए आपका आभार!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-33597998459502782542012-11-28T10:01:31.704+05:302012-11-28T10:01:31.704+05:30कल 29/11/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nay...<i><b><br />कल 29/11/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> http://nayi-purani-halchal.blogspot.in </a> पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .<br />धन्यवाद! </b></i><br />Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-5070385604891769972011-01-19T23:58:00.143+05:302011-01-19T23:58:00.143+05:30गौरव जी,
आप तक स्नेह पहूँचा, समझो रचना सार्थक हुई...गौरव जी,<br /><br />आप तक स्नेह पहूँचा, समझो रचना सार्थक हुई।<br /><br />"धीरे धीरे सब समझ जायेंगे "सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-76497740618233308312011-01-19T23:53:19.601+05:302011-01-19T23:53:19.601+05:30एक बात और .......सच्चे साधक में कभी उतावलापन नहीं ...एक बात और .......सच्चे साधक में कभी उतावलापन नहीं होता [ और ना ही होना चाहिए ].. ये बात अलग है की उनके पास वक्त ही कम होता है :)<br /><br />हम तो हमेशा यही कहते रहे हैं<br /><br /><b>"धीरे धीरे सब समझ जायेंगे " </b>एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-77344610321437405772011-01-19T23:41:29.569+05:302011-01-19T23:41:29.569+05:30पोस्ट तो अच्छी है ही टिप्पणियाँ तो और भी सुन्दर और...पोस्ट तो अच्छी है ही टिप्पणियाँ तो और भी सुन्दर और स्नेह से भरी लग रहीं हैं |एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-77822612359253553152011-01-19T13:35:38.636+05:302011-01-19T13:35:38.636+05:30विचारणीय सुन्दर कोमल भावों और शब्दों से सजी प्रस्...विचारणीय सुन्दर कोमल भावों और शब्दों से सजी प्रस्तुतिरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-75956850343079678732011-01-19T12:53:19.141+05:302011-01-19T12:53:19.141+05:30सतीश जी,
सदाचार के प्रस्तोता विद्वानों का तो सदैव...सतीश जी,<br /><br />सदाचार के प्रस्तोता विद्वानों का तो सदैव ही सम्मान होना चाहिए।<br /><br />जाग्रत रहना आवश्यक है कि अच्छे लोग निष्क्रिय न हो जाय। यह प्रेरक गीत इसिलिये आवश्यक था। पोषण के बिना यह तरूवर कहीं फ़लित होना बंद न कर दे।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-34832994427480584662011-01-19T11:52:18.845+05:302011-01-19T11:52:18.845+05:30सुज्ञ भाई ,
क्षमा चाहता हूँ , पिछली टिप्पणी द्वारा...<b><br />सुज्ञ भाई ,<br />क्षमा चाहता हूँ , पिछली टिप्पणी द्वारा विषय के साथ न्याय नहीं कर सका...<br /><br />निराशाजनक स्थिति है यहाँ और हम लोग अपने अपने पूर्वाग्रहों के चलते सही गलत में भेद नहीं कर पाते इसीलिए शायद विद्वानों का अपमान और मूर्खों का सम्मान कर रहे हैं हम लोग ! <br /><br />मगर यह गीत बहुत अच्छा लगा वाकई लगा कि बुझते दीपक को नयी जान देने का प्रयत्न कर रहे हो ! प्रतुल वशिष्ठ को शुक्रिया ! <br /><br />हार्दिक शुभकामनायें<br /></b>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-72503597004217686082011-01-18T19:28:24.644+05:302011-01-18T19:28:24.644+05:30प्रेरणा देती हुई आपकी ये कविता बहुत अच्छी लगी। इसक...प्रेरणा देती हुई आपकी ये कविता बहुत अच्छी लगी। इसके लिए आपको बधाई।वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17461991763603646384noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-14826578572994758472011-01-18T18:15:48.663+05:302011-01-18T18:15:48.663+05:30बेहतरीन रचना.बेहतरीन रचना.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-10475186964175739372011-01-18T15:39:27.092+05:302011-01-18T15:39:27.092+05:30प्रेरक एवं प्रभावशाली कविता ...
बहुत अच्छी लगी |प्रेरक एवं प्रभावशाली कविता ...<br />बहुत अच्छी लगी |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-77730469203481946822011-01-18T15:34:47.384+05:302011-01-18T15:34:47.384+05:30जीवन सन्दर्भों को सामने लाती हुई बहुत ही सुन्दर रच...जीवन सन्दर्भों को सामने लाती हुई बहुत ही सुन्दर रचना| आभार|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-57440142747027567492011-01-18T13:12:15.108+05:302011-01-18T13:12:15.108+05:30बेहद प्रभावशाली भाव हैं कविता के...
उठो धरा के अ...बेहद प्रभावशाली भाव हैं कविता के...<br /> <br />उठो धरा के अमर सपूतों पुन: नया निर्माण करो |Neerajhttps://www.blogger.com/profile/11989753569572980410noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-46959488577974866952011-01-18T12:51:33.869+05:302011-01-18T12:51:33.869+05:30बहुत ही सुन्दर और आशावादी रचना !बहुत ही सुन्दर और आशावादी रचना !nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-90544414581104821502011-01-18T12:26:13.516+05:302011-01-18T12:26:13.516+05:30सूरज कब का डूब चला है, रह गया अज्ञान अकेला।
चारो ओ...सूरज कब का डूब चला है, रह गया अज्ञान अकेला।<br />चारो ओर घोर तिमिर है, और निकट तूफानी बेला।<br />फिर भी इस रजनी में दीपक, तुम न जलोगे कौन जलेगा ..<br /><br /><br />आशा और जीवन का संचार करती है आपकी रचना ... कर्म पथ पे प्रेरित करती हुयी ... <br />नमस्कार ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-43711366691645957022011-01-18T11:52:22.696+05:302011-01-18T11:52:22.696+05:30hosla-afjai ke liye sukrya.....
pathshala chalti ...hosla-afjai ke liye sukrya.....<br /><br />pathshala chalti rahe ..... monitar nigrani rakhen.<br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-77849275130914587712011-01-18T08:16:08.785+05:302011-01-18T08:16:08.785+05:30चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना आज ...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना आज मंगलवार 18 -01 -2011<br />को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..<br /><br />http://charchamanch.uchcharan.com/2011/01/402.htmlसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-84725182761196530682011-01-17T22:26:55.535+05:302011-01-17T22:26:55.535+05:30बहुत ही भावपूर्ण और प्रेरणादायी कविता.....बहुत ही भावपूर्ण और प्रेरणादायी कविता.....उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-59776059794501797952011-01-17T22:12:38.876+05:302011-01-17T22:12:38.876+05:30पर साथी इन बाधाओ को तुम न दलोगे कौन दलेगा?
bahut a...पर साथी इन बाधाओ को तुम न दलोगे कौन दलेगा?<br />bahut achcha likhe hain.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-11840890241587194232011-01-17T21:46:58.460+05:302011-01-17T21:46:58.460+05:30सभी पाठको को सूचित किया जाता है कि पहेली का आयोजन ...सभी पाठको को सूचित किया जाता है कि पहेली का आयोजन अब से मेरे नए ब्लॉग पर होगा ...<br /><br />यह ब्लॉग किसी कारणवश खुल नहीं प रहा है<br /><br />नए ब्लॉग पर जाने के लिए यहा पर आए<br /><a href="http://mkldh70.blogspot.com/" rel="nofollow"> धर्म-संस्कृति-ज्ञान पहेली मंच</a>निरंजन मिश्र (अनाम)https://www.blogger.com/profile/15056603889704174103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-78417691992010938132011-01-17T21:12:22.599+05:302011-01-17T21:12:22.599+05:30सूरज कब का डूब चला है, रह गया अज्ञान अकेला।
चारो ओ...सूरज कब का डूब चला है, रह गया अज्ञान अकेला।<br />चारो ओर घोर तिमिर है, और निकट तूफानी बेला।<br />फिर भी इस रजनी में दीपक, तुम न जलोगे कौन जलेगा?<br /><br />जीवन के अंधकारमय क्षणों में आत्मबोध रूपी दीपक ही प्रकाश किरणें विसरित कर राह दिखलाता है। <br />निराशा से आशा की ओर प्रेरित करने वाला एक उत्तम गीत।<br />शुभकामनाएं, सुज्ञ जी।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-18076570154594370912011-01-17T20:21:00.188+05:302011-01-17T20:21:00.188+05:30सुज्ञ जी!
दुर्गम पथों पर चलना, बाधाओं का दलना, द...सुज्ञ जी!<br />दुर्गम पथों पर चलना, बाधाओं का दलना, दीपक का जलना और तरुवर का फलना... यह सब अनवरत चलता रहेगा.. पर कंटकों को हटाना, तम का विनाश करना, और ऊष्णता को शीतलता को हटाने का समवेत प्रयास ही इस यात्रा को सुलभ बनाएगा!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-73489358326124495532011-01-17T19:21:22.522+05:302011-01-17T19:21:22.522+05:30हर रचना में सार्थक सम्वाद छुपा होता है..हर रचना में सार्थक सम्वाद छुपा होता है..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-60795662768955862032011-01-17T17:15:54.634+05:302011-01-17T17:15:54.634+05:30तुम न चलोगे तो कौन चलेगा । उत्तम प्रस्तुति...तुम न चलोगे तो कौन चलेगा । उत्तम प्रस्तुति...Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.com