tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post2962145116892273945..comments2023-10-21T14:43:56.493+05:30Comments on सुज्ञ: चींटी चुने कण कण, हाथी खाये मण मणसुज्ञhttp://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-61615819735327689672010-06-28T17:23:17.690+05:302010-06-28T17:23:17.690+05:30बात तो वहीँ की वहीँ है........................ कम...बात तो वहीँ की वहीँ है........................ कम से कम जाती व्यवस्था में अमीर गरीब का तो भेद नहीं था........................ गरीबी की गली शायद ज्यादा बड़ी है!!!!!!!!!!!!!!!!!Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-25007071303610277812010-06-26T08:22:43.896+05:302010-06-26T08:22:43.896+05:30बहुत सुन्दर टिप्पड़ी बामपंथ
क़ा तो नाम लेने लायक...बहुत सुन्दर टिप्पड़ी बामपंथ <br />क़ा तो नाम लेने लायक नहीं<br />है ये मानवता क़े शत्रु है इनका <br />गरीबी से कोई मतलब नहीं <br />उनका केवल उपयोग करते है <br />अच्छा प्रयास.<br />धन्यवादसूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.com