tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post1124080945594548525..comments2023-10-21T14:43:56.493+05:30Comments on सुज्ञ: समाज सुधार कैसे हो?सुज्ञhttp://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comBlogger59125tag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-87249727246719162522021-11-13T20:44:11.236+05:302021-11-13T20:44:11.236+05:30हम सुधर जायँगे तो आपने कभी सुना होगा जी सही को सही...हम सुधर जायँगे तो आपने कभी सुना होगा जी सही को सही करने के लिए कभी गलत भी करना पड़ता है फिर<br />हम सुधर जायँगे तो समाज कैसे सुधरेगा भ्राता श्Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04473928026500839856noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-66284522673999432972021-10-15T05:44:40.746+05:302021-10-15T05:44:40.746+05:30हमसे ही समाज है और हमसे ही देश है,एक समृद्ध जीवन औ...हमसे ही समाज है और हमसे ही देश है,एक समृद्ध जीवन और खुशहाल समाज के लिए समाज के शिक्षित और युवा वर्ग को जागरूक होने की शक्त आवश्यकता हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14856314815655511113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-36543079445637232592021-10-07T20:29:13.093+05:302021-10-07T20:29:13.093+05:30Very niceVery niceAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09534813740174608850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-61180726709648426642020-08-25T23:04:54.112+05:302020-08-25T23:04:54.112+05:30Hआज मारे अजीब हिवडा रा हार मरुधर माठी री महक मरुधर...Hआज मारे अजीब हिवडा रा हार मरुधर माठी री महक मरुधर री महक का ह्रदय से आभारी हूँ..<br />*आपके इस स्नेह, अपनत्व, सानिध्य और शुभकामना के सम्मुख मेरे ये शब्द, बहुत ही छोटे हैं, अल्प हैं, आपका प्रेम महा सागर है तो वहीँ मेरे शब्द, और मेरा स्नेह..एक सरिता मात्र..कृपया मेरे आभार को स्वीकार करने की अनुकम्पा करें..आपका स्नेह अनमोल है..मुझे आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि, आप का ये पवित्र स्नेह मुझे जीवन पथ पर यूँ ही मिलता रहेगा।*🔥🔥🥰😍😍Prajapati mahihttps://www.blogger.com/profile/02991676932714527722noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-376793207467158092020-07-29T20:03:29.342+05:302020-07-29T20:03:29.342+05:30जब तक भ्राटाचार समाप्त नहीं होगा तब तक समाज या देश...जब तक भ्राटाचार समाप्त नहीं होगा तब तक समाज या देश का विकास नहीं होगा और इसके साथ वर्ण एवं जाति व्यवस्था को भी समाप्त करना होगा| और सर्व समाज को सही शिछा मिले जो नहीं मिलती है |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18416826465089708135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-24847675636902695592020-04-27T22:23:53.239+05:302020-04-27T22:23:53.239+05:30आप का कथन सही है१००% मेरा विचार यह है कि सबसे पहले...आप का कथन सही है१००% मेरा विचार यह है कि सबसे पहले समाज फिर देश मगर जब तक देश में राजनीति है तब तक समाज नहीं सुधार सकते हैं ।अचूक ।।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07260612458100420035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-81939774028180172162020-01-29T21:30:33.591+05:302020-01-29T21:30:33.591+05:30समाज के अंदर कई सारे बड़े बड़े संगठन बने हुए समाज ...समाज के अंदर कई सारे बड़े बड़े संगठन बने हुए समाज के लेकिन सिर्फ संगठन बनाकर काम नहीं चलता है समाज के लिए काम करना पड़ता है मैंने कई जगह तक है कि संगठन में लोग सिर्फ पद लेकर बैठ जाते हैं और समाज के लिए कुछ नहीं करते अगर वह समाज के लिए कुछ पहले ही नहीं करेंगे तो समाज कैसे सुधरेगा इस काम के लिए हर युवाओं को आगे आना पड़ता है और सभी को समाज के लिए शेयर करना पड़ता है तभी जाकर समाज में सुधार आता हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13414790718497805129noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-42371928436399388542018-05-25T15:24:57.931+05:302018-05-25T15:24:57.931+05:30हम सुधर जायँगे तो आपने कभी सुना होगा जी सही को सही...हम सुधर जायँगे तो आपने कभी सुना होगा जी सही को सही करने के लिए कभी गलत भी करना पड़ता है फिर <br />हम सुधर जायँगे तो समाज कैसे सुधरेगा भ्राता श्रीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09815677602586959923noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-90363867857871038732018-03-31T16:38:10.699+05:302018-03-31T16:38:10.699+05:30समाज को सुधारने से पहले,खुद में सुधार लाना पड़ेगा अ...समाज को सुधारने से पहले,खुद में सुधार लाना पड़ेगा अन्यथा समाज कदापि नही सुधर सकता।ये मेरा मानना है सामाजिक कार्यकर्ता मणिशंकर उपाध्याय"मनी"<br />महोदय समाज का हर व्यक्ति कहता है कि हम खुद में परिपूर्ण है"मनी"https://www.blogger.com/profile/08576801559050884553noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-60862455280357821302018-01-25T18:00:40.698+05:302018-01-25T18:00:40.698+05:30hum sudharenge yug sudhregahum sudharenge yug sudhregaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16363366567337285209noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-82503647741433019492017-10-06T06:19:24.022+05:302017-10-06T06:19:24.022+05:30सही कहा आपनेसही कहा आपनेसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-49170191546177489532017-10-06T06:18:58.600+05:302017-10-06T06:18:58.600+05:30सही कहा आपनेसही कहा आपनेसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-49410303904193647402017-10-05T13:24:18.703+05:302017-10-05T13:24:18.703+05:30थोड़ी विकृति सबके भीतर होती है
थोड़ा स्वार्थ सबके अ...थोड़ी विकृति सबके भीतर होती है <br />थोड़ा स्वार्थ सबके अंदर पलता है <br />क्रोध, झूठ,घृणा,साजिश की भावना <br />विद्युत सी <br />सबके अंदर कौंधती है <br />भूख,प्यार,महत्वाकांक्षा <br />इन्हीं रास्तों से गुजरती है <br />… <br />बिना किसी रुकावट के प्राप्य सम्भव ही नहीं !<br />रक्तबीज हमारी धमनियों में है <br />न हो तो ईश्वर करेगा क्या ?<br />ईश्वर का कार्य है <br />अन्याय का विनाश <br /> अपने भीतर जो अन्यायी ख्याल पनपते हैं <br />उनसे हम नज़रें चुरा सकते हैं <br />ईश्वर नहीं !!manojhttps://www.blogger.com/profile/11446667363110857216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-17494812950098381132017-10-05T13:21:52.680+05:302017-10-05T13:21:52.680+05:30sach bole hain aap.sach bole hain aap.manojhttps://www.blogger.com/profile/11446667363110857216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-90155564886784175092014-05-29T19:21:17.590+05:302014-05-29T19:21:17.590+05:30सही कहा मधुसुदन जी, ब्लॉग पर आपके पधारने का आभार म...सही कहा मधुसुदन जी, ब्लॉग पर आपके पधारने का आभार मित्र!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-61514267735400775952014-05-29T19:20:36.027+05:302014-05-29T19:20:36.027+05:30सहमत हूं आपसे……सहमत हूं आपसे……सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-4801647230682223562014-05-29T19:20:06.426+05:302014-05-29T19:20:06.426+05:30आभार, रश्मि जीआभार, रश्मि जीसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-65183412448367758122014-05-20T22:35:26.229+05:302014-05-20T22:35:26.229+05:30जो लोग सुधरे हुए हैं, या जिनमें किसी बाहरी प्रयास ...जो लोग सुधरे हुए हैं, या जिनमें किसी बाहरी प्रयास के बिना ही सुधारने की शक्ति है, उनके लिए तो किसी नियम, या दंड के भय की आवश्यकता ही नहीं है। लेकिन बाकी लोगों, विशेषकर अपराधी विचारधाराओं में उलझे हुए असामाजिक तत्वों के लिए तो समाज (या राज्य, प्रशासन, जो भी संस्था हो) को ऐसे निश्चित नियम बनाने और कार्यान्वित करने ही पड़ेंगे। Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-33562485424266617602014-04-30T11:27:34.140+05:302014-04-30T11:27:34.140+05:30http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/04/blog-pos...http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/04/blog-post_30.htmlरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-2903774893097154952014-02-13T17:26:14.968+05:302014-02-13T17:26:14.968+05:30सभी जने TV or Cinema को तो भूल ही गये , इसने आजकल ...सभी जने TV or Cinema को तो भूल ही गये , इसने आजकल सभी हदे तोडने का प्रयास किया है ।<br /><br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16194941466647150489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-20744205894996875192014-01-04T18:12:01.904+05:302014-01-04T18:12:01.904+05:30सटीक व बेहतरीन
ब्लॉग बुलेटिन से यहाँ पहुँचना अच्छ...सटीक व बेहतरीन <br />ब्लॉग बुलेटिन से यहाँ पहुँचना अच्छा लगा :)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-79608708876841160772014-01-03T12:12:36.753+05:302014-01-03T12:12:36.753+05:30पोस्ट को सम्मलित करने के लिए बहुत बहुत आभार!!पोस्ट को सम्मलित करने के लिए बहुत बहुत आभार!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-37133326732976108352013-11-15T22:16:55.728+05:302013-11-15T22:16:55.728+05:30समाज से आदर्शों का विलुप्त होना, सदाचारों का खण्डि...समाज से आदर्शों का विलुप्त होना, सदाचारों का खण्डित होना या नष्ट हो जाना व्यक्तिगत जीवन मूल्यों का भी विनाश है। और नैतिकताओं पर व्यक्तिगत अनास्था, सामाजिक चरित्र का पतन है.<br /><br />बहुत ही सुंदर भाव व्यक्त करती प्रस्तुति।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-44613978285830796872013-10-16T10:20:34.887+05:302013-10-16T10:20:34.887+05:30मुझे तो नहीं लगता इस समाज में सुधार की कोई उम्मीद ...मुझे तो नहीं लगता इस समाज में सुधार की कोई उम्मीद है, हर रोज देखता हूँ कई लोगों के पतन को.... लोग बस गिरना जानते हैं, रंग के नाम पर, क्षेत्र के नाम पर, जाती के नाम पर धर्म के नाम पर.... इंसान शब्द बोलने के साथ ही "चरित्रहीन" शब्द भी जोड़ लेना चाहिए.... मैं भी पहले यही सोचता था खुद को सुधार लेने से काम हो जाएगा.... लेकिन नहीं होगा.... ये केवल एक खुद को दिलासा देने के जैसा है.... Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7546054676355588576.post-48732348463898903902013-09-11T18:39:35.856+05:302013-09-11T18:39:35.856+05:30सुंदर प्रस्तुति....जीवन में प्रेरणा के लिए कुछ आदर...सुंदर प्रस्तुति....जीवन में प्रेरणा के लिए कुछ आदर्श भी होने चाहिए...वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.com